वर्षभर पानी की पूर्ति हेतु संग्रहालय में मौजूद वर्षा-जल संचयन प्रणाली के माध्यम से भूजल का उपयोग किया जाता है।
बेहतर पारिस्थितिक संधारणीयता(ecological sustainability) बनाए रखने के लिए संग्रहालय परिसर के हरे कचरे (बायोडिग्रेडेबल) का उपयोग कर वर्मी-कम्पोस्ट और वर्मी-वॉश तैयार किया जाता है जिसका प्रयोग संग्रहालय के बगीचे तथा परिदृश्य में किया जाता है।
क्षे.प्रा.वि.सं., भोपाल में हर्बल बगीचा भी है जिसमें औषधीय और औपचारिक गुणकारी कई पौधे/जड़ी-बूटियाँ हैं।
संग्रहालय में पुलजलमग्न सेतु है जो दृष्टिबाधित लोगों को जलीय जैवविविधता को छूने और महसूस करने का अनूठा अवसर देता है।