राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (रा.प्रा.वि.सं.) की स्थापना देश की प्राकृतिक धरोहर के प्रतिजागरूकता फैलाने के लिए भारत की स्वतंत्रता के रजत जयंती समारोह के दौरान, राष्ट्रीय स्तर की संस्था के रुप में की गई थी।
राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, पर्यावरण शिक्षा को समर्पित संस्था है।देश की समृद्ध प्राकृतिक धरोहर और प्राकृतिक विज्ञान (भूविज्ञान, वनस्पति विज्ञान और प्राणी विज्ञान) को दर्शाने और उसके महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से निर्मित विषयगत प्रदर्शनी गैलरियाँ, खोज कक्ष (डिस्कवरी रूम), गतिविधि कक्ष जैसे अनुभवात्मक संसाधन केंद्र और संस्थान द्वारा आम जनता तक पहुँचने के लिए आयोजित शैक्षिक गतिविधियाँ इसकी पहचान हैं।
राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के उद्देश्य हैं:
राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देने में उच्च-स्तरीय गुणवत्ता प्राप्त करने हेतु देश की राजधानी में रा.प्रा.वि.सं. को विकसित करना।
क्षेत्रीय/स्थानीय स्तर पर अपनी गतिविधियों का विस्तार करने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्रीय केंद्र (क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय) विकसित करना।
स्कूली स्तर पर पर्यावरणीय शिक्षा (प.शि.) के पाठ्यक्रम में सहायक संग्रहालय-आधारित शैक्षिक परियोजनाएँ विकसित करना।
पर्यावरणीय शिक्षा(प.शि.) को बढ़ावा देने के लिए प.शि. संसाधन सामग्री (जैसे दृश्य-श्रव्य सहायक सामग्री, कम लागत वाली शिक्षण सहायक सामग्री, स्कूल-लोन किट आदि) विकसित करना।
संग्रहालय के कार्य-क्षेत्र और संसाधनों के अनुरूप अनुसंधान (संग्रहालय-विज्ञान संबंधी और संग्रह आधारित) का कार्य करना।
प्राकृतिक विज्ञान संबंधी संग्रह/संग्रहालयों के संबंध में अन्य एजेंसियों/संगठनों को वृत्तिक सहायता प्रदान करना।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक विज्ञान/प.शि. से संबंधित अन्य संगठनों/वृत्तिक निकायों/संग्रहालयों के साथ सहकारिता स्थापित करना।